भोपाल, 22 अप्रैल 2016। पानी के लिए विश्व युद्ध की शुरूआत हो चुकी है क्योंकि बहुत से देशों में पानी को मिलिट्री नियंत्रित कर रही है। बहुत सारे देश पानी के लिए आपस में दुश्मन बन चुके हैं। इजराइल वार की तह में धर्म नहीं बल्कि पानी है। उक्त बात आज राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स परिसर में आज विश्व पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) के अवसर पर आयोजित एक सेमीनार में जाने माने पर्यावरणविद सुधीन्द्र मोहन शर्मा ने कही। सेमीनार का विषय धरती, पानी और हम रखा गया था। सेमीनार में समूह के सभी विद्यार्थी, कर्मचारी एवं फैकल्टी मेम्बर सम्मिलित हुए। श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि पानी को लेकर पूरे विश्व व्याप्त तनाव को बढऩे से नहीं रोका गया तो हालात बहुत खतरनाक हो जाएंगे। पानी के दुरुपयोग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो वर्ष 2025 तक दुनिया के अनेक देशों में पीने का पानी खत्म हो जाएगा जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि नान वेजीटेरियन खाना बनाने में वेजीटेरियन खाना बनाने की तुलना में तीन गुना पानी खर्च होता है। श्री शर्मा ने कहा कि युवा वर्ग को पर्यावरण से जुड़े सभी अंतरराष्ट्रीय दिवसों के महत्व को समझना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे आगे आकर पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाएं ताकि धरती आने वाली पीढिय़ों के रहने के लिए सुरक्षित रह सके। ऐसा तभी संभव है जब युवा वर्ग जागरूकता अभियान का नेतृत्व करते हुए अपने आसपास के लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के महत्व को समझाएं व उस पर अमल करवाएं। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण के प्रति हमारी अनदेखी का ही परिणाम है कि हम न केवल जलसंकट से जूझ रहे हैं बल्कि कई प्राकृतिक आपदाओं में फंसकर दुनियाभर में जनधन की बड़ी हानि हो रही है। जंगलों के विनाश, जल संसाधनों का अपव्यय व पर्यावरण संतुलन के उपायों की कमी ने वर्ष दर वर्ष स्थितियों को बिगाडऩे का काम किया है लेकिन अब खतरे की घण्टी बज चुकी है और हमें बिना किसी देर किए तेजी से उपाय करने होंगे ताकि महाप्रलय से बचा जा सके। इस अवसर पर राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स के चेयरमेन आर.आर. सक्सेना ने कहा कि विद्यार्थियों को पर्यावरणीय असंतुलन की भयावहता को गंभीरता से लेते हुए यथासंभव जन जागृति फैलाने के साथ साथ स्वयं पर्यावरण को बचाने संबंधी उपायों में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका समूह पौधरोपण से लेकर जल बचाने तक ऐसे अनेक उपाय हमेशा करता रहता है जिनसे पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि उनका समूह आने वाले समय में बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है।
राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016 राधारमण में अर्थ डे मना - 22-04-2016