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Title : राधारमण समूह ने किया नैंसी वर्मा के पिता का सम्मान
Details : भोपाल। राधारमण समूह के राधारमण इन्स्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एण्ड टेक्नालॉजी से बीई की पढ़ाई के दौरान अपनी हायड्रोलिक पावर जनरेशन के क्षेत्र में नई खोज के जरिए पूरे देश के तकनीकी जगत एवं मीडिया में जगह बनाने वाली छात्रा नैंसी वर्मा के पिता आर के वर्मा का आज राधारमण समूह में अभिनंदन किया गया। पेशे से लखनऊ में सरकारी सिविल इंजीनियर श्री वर्मा ने इस अवसर पर राधारमण समूह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बेटी नैंसीशुरू से ही राधा रमण ग्रुप में एडमिशन लेने के लिए जिद्द पकड़ी हुई थी उसके के पास वर्ष 2011 में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के अवसर उपलब्ध थे किंतु उसे जिस तरह के फैकल्टी मेम्बर्स व सुविधाओं की जरूरत थी वह उसे उसके शहर लखनऊ से 700 किलोमीटर दूर भोपाल के राधारमण समूह में ही मिल सकती थी उसने ग्रुप के बारे में पूरा रिसर्च कर रखा था अतः मैंने भी उसको भोपाल जाने की इजाजत दे दी और उसने यहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषय से अपनी बीई की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कहा कि पहले तो उन्हें अपनी बिटिया के फैसले पर भरोसा नहीं था लेकिन अब जब वह देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है तो वे उसके निर्णय से मेरा परिवार बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि राधारमण समूह निसंदेह एक आईआईटी या एनआईआईटी जैसे संस्थान जैसी खूबियां रखता है और यहां से निकलने वाले बच्चों की प्रतिभा को एक अलग पहचान मिलती है। कौन है नैंसी वर्मा और उसने क्या किया था ? उसके द्वारा किया गया आविष्कार की जानकारी नीचे दी गई है राधारमण की छात्रा ने बनाया क्रांतिकारी और सस्ता हायड्रो पावर प्लांट भोपाल। राधारमण इन्स्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एण्ड टेक्नालॉजी (आरआईआरटी) में मेकेनिकल इंजीनियरिंग फाइनल ईयर की छात्रा नैन्सी वर्मा ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के पहले ही एक ऐसा हायड्रो पावर प्लांट कान्सेप्ट तैयार किया है जिसे भारत सरकार ने पेटेंट के लिए स्वीकार कर लिया गया है। नैन्सी का दावा है कि उनका डिजाइन बिजली बनाने में आने वाली बहुत सी मुश्किलों को आसान कर देगा। इसके इस्तेमाल से लागत में भारी कमी तो आएगी ही साथ ही इसे कम जगह में लगाया जा सकेगा इससे बिजली उत्पादन के लिए बनाए जाने वाले बड़े बांधों के चलते लोगों व चीजों को विस्थापित करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। लखनऊ से वर्ष 2011 में भोपाल आकर राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स में प्रवेश लेने वाली नैन्सी ने अपनी पढ़ाई के दूसरे वर्ष अर्थात 2014 में अपने इस कान्सेप्ट पर काम करना शुरू किया व पेटेंट के लिए एप्लाई भी किया। इसके एक वर्ष बाद उन्हें पेटेंट का रेफरेंस नंबर अलाट हो गया तथा उन्हें अब फाइनल पेटेंट मिलने का इंतजार है। उन्होंने चैन्नई से पेटेंट के लिए एप्लाई किया है। 23 वर्षीय इस छात्रा का कहना है कि उन्होंने अपनी थ्योरी में छह मीटर आकार के एक जैसे चार रिजरवायर टैंक का इस्तेमाल किया है। प्रथम टैंक के ऊपरी हिस्से में एक रेम लगाई गई है जो बाहरी प्रेशर पैदा करती है। इस टैंक से जुड़े पेनस्टॉक से पानी बाहर निकलता है और टरबाइन पर जाकर गिरता है जिससे टरबाइन घूमने लगता है और बिजली पैदा होने लगती है। टरबाइन को टैंक से दो मीटर की ऊंचाई पर लगाया गया है। नैन्सी आगे बताती हैं कि टरबाइन से टकराने के बाद पानी एक अन्य पेनस्टॉक से होकर दूसरे टैंक में चला जाता है। और फिर पहले टैंक वाली प्रक्रिया दूसरे टैंक में आरंभ हो जाती है। दूसरे टैंक का पानी टरबाइन को घुमाने के बाद तीसरे टैंक में चला जाता है ओर यहां पुन: वही प्रक्रिया दोहराई जाती है जिसके बाद पानी चौथे टैंक में चला जाता है। चौथे टैंक में आने के बाद पानी पुन: पहले टैंक में चला जाता है और यह प्रक्रिया सतत चलती रहती है और बिजली उत्पन्न होती रहती है। इस तरीके से एक बांध से बनने वाली प्रति यूनिट बिजली जितनी ऊर्जा पैदा की जा सकती है। मौजूदा बांधों में टरबाइन रिजरवायर के निचले स्तर पर होता है जहां पेनस्टॉक से होकर पानी टरबाइन पर गिरता है जिससे बिजली पैदा होती है। नैन्सी ने बाहरी दबाव का इस्तेमाल पानी को टरबाइन तक भेजने में किया है। इस दबाव को जरूरत के मुताबिक कम या ज्यादा किया जा सकता है। बांधों में एक बार टरबाइन पर गिरने के बाद पानी का दोबारा इस्तेमाल नहीं हो पाता जबकि इस कान्सेप्ट में पानी का लगातार पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पानी की बचत होती है और ज्यादा पानी रोकने के लिए बांधों की ऊंचाई भी नहीं बढ़ाना पड़ती। नैन्सी कहती हैं कि उन्हें उनकी कान्सेप्ट से बिजली तैयार करने के लिए केवल 1000 वर्गमीटर जमीन की जरूरत है जोकि बड़े बांधों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हजारों एकड़ भूमि की तुलना में कुछ भी नहीं है। साथ ही उनकी कान्सेप्ट में बहुत कम पानी से बिजली उत्पादन किया जा सकता है। अपनी इस सफलता का श्रेय नैन्सी ने अपने कालेज राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स के चेयरमेन आर.आर. सक्सेना, तथा पिता रमेश कुमार वर्मा तथा माता मीरा वर्मा को दिया है जिन्होंने उन्हें सदैव प्रोत्साहित किया है।.

 

 राधारमण समूह ने किया नैंसी वर्मा è - 06-08-2016                


 राधारमण समूह ने किया नैंसी वर्मा è - 06-08-2016                


 राधारमण समूह ने किया नैंसी वर्मा è - 06-08-2016