Title : आरयना सक्सेना की पुस्तक ’अमिडस्ट द डाउनपोर’ का विमोचन संपन्न Details : आरयना सक्सेना की पुस्तक ’अमिडस्ट द डाउनपोर’ का विमोचन संपन्न
भोपाल, 10 अक्टूबर 2021। भोपाल की युवा लेखिका व कवियित्री आरयना सक्सेना की पहली पुस्तक ’अमिड्स्ट द डाउनपोर’ का विमोचन आज शाम मिंटो हाल में मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल एवं मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के हाथों संपन्न हुआ। क्लब लिटराटी एवं उत्थान फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस विमोचन समारोह में पूर्व पूर्व प्रशासनिक सेवा अधिकारी मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, डॉ. पल्लवी जैन गोविल तथा बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य आशीष अग्रवाल राधारमण ग्रुप के चेयरमैन श्री आर आर सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर ’नरचरिंग लिटरेरी टैलेंट इन चिल्ड्रन फॉर न्यू इंडिया’ विषय पर एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया।
क्लब लिटराटी की अध्यक्षा डॉ. सीमा रायजादा तथा उत्थान फाउंडेशन की उपाध्यक्षा प्रोफेसर अरूणा सक्सेना ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की.
उल्लेखनीय है कि 8 वर्ष की उम्र से कविता व लघु कथा लेखन कर रहीं आरयना सक्सेना बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा हैं। उनकी इस पुस्तक को ब्रिटेन व भारत के अग्रणी प्रकाशक ब्ल्यूरोज पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक का भारत सहित ब्रिटेन व अन्य देशों में विक्रय किया जायेगा।
’अमिड्स्ट द डाउनपोर’ आरयना की अब तक लिखी गई कविताओं व व लघु कथाओं का संग्रह है। इस संग्रह में जीवन की चुनौतियों सहित अन्य आयामों व मानवीय संवेदनाओं को शब्दों के जरिये उकेरा गया है।
श्री विश्वास सारंग ने कहा की इस दौर में निश्चित रूप से वे कुछ विधाएँ जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, आज तकनीक के जमाने में कहीं न कहीं छुप रही हैं, कम हो रही हैं. साहित्य समाज का वह बहुत महत्वपूर्ण आयाम है जो जहाँ एक ओर इतिहास का आइना दिखाता है तो कहीं न कहीं वर्तमान का आत्मावलोकन और भविष्य की आशा भी साहित्य के माध्यम से ही समाज में स्थापित होती है.
तकनीक के बगैर आने वाली पीढ़ी आगे नहीं बढ़ सकती पर हम यह देख रहे हैं की तकनीक की अधिकता में कहीं न कहीं हम शॉर्टकट अपना रहे हैं. जो साहित्यकार है उसे कहीं न कहीं ईश्वर का आशीर्वाद है.
उन्होंने आरायना के बारे में कहा कि वह न केवल अच्छी लेखक हैं बल्कि अच्छी नृत्यांगना हैं, अच्छी वक्ता हैं, और सबसे अच्छी बात यह है कि वे पढाई में भी उतनी ही अच्छी हैं. उन्होंने अपनी परीक्षहा 98 प्रतिशत अंकों से पास की है.
महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि 14 वर्ष की उम्र में किताब लिखना मामूली बात नहीं है. मुझे ख़ुशी है कि मध्य प्रदेश में ऐसी बेटियां हैं जो 14 वर्ष की उम्र में इतना ऊंचा स्थान प्राप्त कर रहीं हैं. मोबाइल ने युवाओं को आभासी दुनिया में कैद कर दिया है. हमारे बच्चे इस वर्चुअल दुनिया में खो रहे हैं. पुस्तकों के प्रति उनका रुझान कम हुआ है, यह चिंता का विषय है. लोकमान्य तिलक कहते थे किताबें नर्क को स्वर्ग बना देती हैं..